राजस्थान के मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने सोमवार को इसका उद्घाटन किया टाइगर सफारी में नाहरगढ़ जैविक उद्यान यहां, अधिकारियों ने कहा। समारोह के दौरान शर्मा ने दो का नाम भी लिया बाघ शावकउन्होंने मादा शावक का नाम ‘स्कंदी’ और नर का नाम ‘भीम’ रखा।
अधिकारियों के मुताबिक सफ़ारी453 लाख रुपये की लागत से 30 हेक्टेयर में विकसित, इसमें 7 किमी का ट्रैक शामिल है और यह पर्यटकों को उनके प्राकृतिक आवास में बाघों को देखने का मौका प्रदान करता है। उन्होंने कहा कि इस पहल का उद्देश्य बाघ संरक्षण के बारे में जागरूकता बढ़ाना भी है।
नाहरगढ़ वन्यजीव अभयारण्य 5,240 हेक्टेयर में फैला है, जिसमें 720 हेक्टेयर में नाहरगढ़ जैविक पार्क विकसित किया गया है और इसमें पहले से ही एक लायन सफारी है।
कार्यक्रम के दौरान जनता को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री ने इस बात पर प्रकाश डाला कि ‘वन्य जीव सप्ताहएक आधिकारिक बयान में कहा गया, ‘2 से 8 अक्टूबर तक मनाया जाने वाला यह त्योहार वन्यजीवों की रक्षा और प्रकृति के संरक्षण के महत्व को रेखांकित करता है।
उन्होंने वन्यजीव सप्ताह के दौरान छात्रों के लिए जैविक उद्यान में मुफ्त प्रवेश की भी घोषणा की। टाइगर सफारी विकसित की गई है और यह संयुक्त प्रयासों से कार्य करेगी वन मंडल और जयपुर विकास प्राधिकरण (जेडीए), उन्होंने कहा।
शर्मा ने इस बात पर जोर दिया कि राजस्थान पर फोकस किया जा रहा है वन्य जीवन की बातचीत राज्य में तीन राष्ट्रीय उद्यान, 26 अभयारण्य, 36 संरक्षण रिजर्व और चार जैविक पार्क हैं। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार के निरंतर प्रयासों के कारण राज्य में बाघों की संख्या लगातार बढ़ रही है, वर्तमान में लगभग 130 बाघ राजस्थान में रहते हैं। उन्होंने कहा कि जेडीए ने जयपुर जिले में दो नये पार्क विकसित किये हैं, जिनमें जीरोटा में नगर वन और नेवता के पास बायोडायवर्सिटी पार्क शामिल हैं. इससे आसपास की 5 लाख की आबादी को फायदा होगा. मुख्यमंत्री ने ‘एक पेड़ मां के नाम’ अभियान और ‘मुख्यमंत्री वृक्षारोपण महाअभियान’ के तहत सात करोड़ पौधे लगाने सहित वनीकरण को बढ़ावा देने के प्रयासों के बारे में विस्तार से बताया।
उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ‘हरियालो मिशन’ के तहत लगातार पौधे लगा रही है, जिसके तहत अगले पांच वर्षों में हर साल 10 करोड़ पौधे लगाए जाएंगे।